एक विश्वव्यापी समस्या के तौर पर कोरोना वायरस अब तक भारत में भी एक लाख से अधिक लोगों को अपने संक्रमण का शिकार बना चुका है और हजारों की जान भी ले चुका है। पूरी तरह से कोरोना वायरस आखिर कब समाप्त होगा, यह बता पाना फिलहाल किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है। इस बीच लोगों को अपनी नौकरी में कोई परेशानी न हो, इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी हो जाता है।
जैसा कि सर्वविदित है कि सरकार की ओर से लॉकडाउन की घोषणा के बाद सभी बड़े-छोटे व्यवसाय बंद कर दिए गए, जिससे नुकसान काफी हुआ है। ऐसे में बहुत से लोग घर से “Work from Home” करके अपना काम कर रहे हैं। इन सबके बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो घर से बाहर रहकर लगातार काम में जुटे हैं और इस COVID-19 महामारी के दौरान सर्वाधिक जोखिम उठा रहे हैं।
COVID-19 को हराने की मुहिम
कोरोना वायरस के जोखिम को दूर करने के लिए लोग घरों से ही काम करना उचित समझ रहे हैं। इससे COVID-19 को मात दी जा सकती है। लोगों ने भी सरकार की हरसंभव मदद की है, जिससे कि इस महामारी को पटखनी दी जा सके। भारत में “वर्क फ्रॉम होम” को सफलता मिली है, जिसे कि इतनी विशाल आबादी वाले देश भारत में जरूरी माना गया है।
कोरोना संकट में रिस्क से भरे हैं ये काम
लॉकडाउन की वजह से इस वक्त देशभर में अधिकतर लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं। फिर भी कई आवश्यक सेवाएं जारी हैं। कई ऐसे काम भी हैं, जिनमें कि जोखिम की आशंका अधिक है। संक्रमण का खतरा भी इनमें ज्यादा बना हुआ है। फिर भी लोग देश और समाज के हित में काम करने के लिए ये खतरा मोल ले रहे हैं।
रेस्पिरेटरी थेरेपी टेक्नीशियन
जैसा कि हम सभी को पता है कि कोरोना वायरस के फैलाव में श्वसन तंत्र की बड़ी भूमिका है। यह वायरस सबसे पहले श्वसन तंत्र के जरिये फेफड़ों में पहुंच जाता है और संक्रमण को बढ़ाता है। ऐसे में टेक्नीशियन को सबसे अधिक खतरा होता है। यदि सर्वे किया जाए तो इस व्यवसाय में लगभग 95 फीसदी जोखिम का स्कोर देखा जा सकता है।
डेन्टल असिसटेन्ट
इस कोविड-19 संकट के समय में सबसे ज्यादा जोखिम में एक काम डेंटल असिस्टेंट का भी है, जिसके जोखिम का स्कोर 92.4 है। ऐसे लोगों को बहुत ही सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। हजारों लोग इस व्यवसाय से जुड़े हैं, जिन्हें जोखिम का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
डेन्टल हाइजीनिस्ट
सबसे ज्यादा जोखिम वाले काम के रूप में डेंटल हाइजीनिस्ट को देखा जाता है, जिनका जोखिम का स्कोर 99.7 है। ऐसे लोगों को संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इनका सही तरीके से हाइजीन होना भी जरूरी होता है।
पेशेन्ट केयर असिसटेन्ट
कोविड-19 के मरीज, जिन्हें पहले से ही खतरा होता है, ऐसे में उनकी देखभाल करने वाले सहयोगियों को अधिक ख़तरा हो सकता है। ऐसे लोग हर समय कोविड-19 मरीजों से ही घिरे रहते हैं। इनके जोखिम का स्कोर 90.7 है, जो खतरनाक साबित हो सकता है।
रजिस्टर्ड नर्सेज
कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में मरीजों को नर्सों का सबसे अधिक सहयोग मिलता है, जो अपना ज्यादातर वक्त कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के साथ ही गुजराती हैं। ऐसे में नर्सों को संक्रमण का खतरा बहुत रहता है। यह वायरस बड़ी ही तेजी से बढ़ता है, जो किसी भी इंसान की हिम्मत को तोड़ने के लिए काफी होता है। ऐसे में नर्सों का नाम सबसे ऊपर आता है, जो देशहित में मानव सेवा के लिए तत्पर हैं।
रेडियोलाँजिक टेक्नीशियन
किसी भी अस्पताल में बहुत सारे ऐसे कार्य होते हैं, जिसमें किसी भी वायरस का संक्रमण आसानी से फैल जाता है। रेडियोलोजी ऐसा एक विभाग है, जहां मरीजों का आना-जाना लगा रहता है और कोविड-19 का खतरा भी बढ़ने लगता है। देश के बहुत से रेडियोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट के लोग भी संक्रमित हो चुके हैं, जो खतरे में आ गए हैं और इस बीमारी से ग्रसित हुए हैं।
पैरामेडिकल स्टाफ
इस कड़ी में अगला नाम पैरामेडिकल स्टाफ का है। जब कोई मरीज अस्पताल में दाखिल होता है, तो पैरामेडिकल स्टाफ का उन मरीजों से सामना होता है। ऐसे में पैरामेडिकल स्टाफ के लोगों को भी काफी हद तक खतरा बना रहता है। देखा जाए तो यह भी बहुत ही जोखिम वाला काम है, जहां पर मरीज के साथ पूरे स्टाफ को भी देखभाल की आवश्यकता होती है। विभिन्न अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ को देखा जा सकता है। वे या तो प्रैक्टिस करते नजर आते हैं या उसी अस्पताल में कार्यरत रहते हैं।
सर्जिकल टेक्नोलॉजी
अस्पताल में कई प्रकार की सर्जरी होती है, जो अनिवार्य होती है। किसी भी सर्जरी में उपयोग की जाने वाली टेक्नोलॉजी कोविड-19 में जोखिम वाला व्यवसाय कही जा सकती है, जहां प्रतिदिन हजारों लोग अपनी सेवाएं देते हैं और लोगों की जान बचाते हैं।
मेडिकल सोनोग्राफर
सोनोग्राफी का कदम मेडिकल क्षेत्र में एक वरदान की तरह है, लेकिन बीते कुछ दिनों से इस व्यवसाय को जोखिम वाला व्यवसाय कहा जा सकता है। इस कोविड-19 संकट में मेडिकल सोनोग्राफर को भी नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है। ऐसे में उन्हें भी सतर्क रहने की जरूरत होती है।
फिजीशियन
कोविड-19 की महामारी में जोखिम भरे कार्यों में एक कार्य फिजीशियन का भी है, जो दिन-रात मानव सेवा में रहकर ही अपना काम करते हैं। उन्हें भी सतर्क रहकर काम करने की आवश्यकता होती है।
फ्लाइट अटेन्डेंस
एक देश से दूसरे देश न जाने कितने लोग आते-जाते हैं, जो रोजाना फ्लाइट्स लेते हैं। ऐसे में कोविड-19 का खतरा भी बढ़ जाता है। इनमें सबसे ज्यादा फ्लाइट अटेंडेंट को खतरा होता है, जो न जाने कितने लोगों के संपर्क में आते हैं।
नर्स एनेस्थीसिया
जब भी कोई शल्य क्रिया की जाती है, तो वहां पर एनेस्थीसिया का अहम योगदान होता है। ऐसे में नर्स एनेस्थीसिया का काम भी बहुत ही जोखिम भरा होता है। वे लगातार लोगों के संपर्क में आती हैं। ऐसे में उन्हें अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। रोजाना नर्स कई मरीजों के संपर्क में आती हैं और एक जोखिम के साथ काम को अंजाम देती हैं।
इन सबके अलावा भी ऐसे कई जोखिम भरे व्यवसाय हैं, जिनमें शामिल लोग कोविड-19 के खतरे के बीच में अपना काम को अंजाम दे रहे हैं। इनमें जैसे होम हेल्थ एप्स, मुंसिपल फायर फाइट्स, फार्मेसी टेक्निशियन, एलिमेंट्री स्कूल टीचर ,सोशल वर्कर और कुरियर एंड मैसेंजर आदि शामिल हैं।
ये भी हैं खतरे में
इसके अलावा दो और ऐसे काम हैं, जिनमें जोखिम लगातार बढ़ता ही जाता है। ये बस ड्राइवर और कैशियर हैं, जो लगातार लोगों के संपर्क में आकर कोविड-19 के खतरे से जूझ रहे हैं। ऐसे लाखों कर्मचारी हैं, जो इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
निष्कर्ष
जो लोग कोविड-19 संकट के दौरान भी अनिवार्य सेवाओं में लगे हुए हैं और जोखिम लेकर अपना काम कर रहे हैं, उनके प्रति हमारी भी यह जिम्मेवारी बनती है कि हम उन्हें ज्यादा खतरे में ना डालें। इसके लिए यह जरूरी है कि हम जब भी उनके संपर्क में जाएं तो सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अन्य जरूरी कदम जरूर उठाएं।