भारतीय प्रधानमंत्री के “Startup India” मिशन का नारा सम्पूर्ण विश्व के देशो को हमारी और आकर्षित करने में सफल रहा है और देश में उद्योगों के निर्माण के लिए एक ईंधन बन गया है। उद्योग जगत के सफल उधमियों का यह भी सुझाव है की इसके लिए हमें रुट लेवल से शुरुवात करनी होगी, तथा हमे अपने युवानों के दिमाग में इसके बीज विद्यालयी स्तर से बोने की जरुरत है। 15 अप्रैल, 2021 को राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (NSAC) की पहली बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल के द्वारा की गयी है। तो चलिए दोस्तों जानते हैं राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (National Startup Advisory Council- NSAC) के बारे में विस्तार से।
इस लेख में आपके लिए है –
- राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (National Startup Advisory Council- NSAC) क्या है?
- राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (National Startup Advisory Council- NSAC) के गठन का उद्देश्य ?
- राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (National Startup Advisory Council- NSAC) की आंतरिक बनावट.
- ‘व्यापार सुगमता सूचकांक’ (Ease of Doing Business) क्या है?
- राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद – एक नजर में.
राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (National Startup Advisory Council- NSAC) क्या है?
• देश में ‘नवाचार तथा स्टार्टअप’ की आवश्यकता को बल तथा गति प्रदान करने के लिए 21 जनवरी, 2020 को स्टार्टअप इंडिया के माध्यम से अधिसूचना संख्या 5(24)/2019 के द्वारा ‘राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद’ का गठन किया था।
• ‘राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद’ का गठन “उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग” (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) के अंतगर्त किया गया है।
•”उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग” के संयुक्त सचिव द्वारा ही ‘राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद’ के सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी।
राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (National Startup Advisory Council- NSAC) के गठन का उद्देश्य ?
• राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (National Startup Advisory Council- NSAC) के गठन का प्राथमिक उद्देश्य एक ऐसे मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है , जो केंद्र सरकार को देश में नवाचार और स्टार्टअप के भरण-पोषण के लिए सभी आवश्यक सुझाव देने में सक्षम हो।
• भारत में अबाध्य विकास और वृहत स्तर पर नए रोजगारो के सृजन में “राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद” की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है।
• देश को ‘व्यापार सुगमता सूचकांक’ (Ease Of Doing Business) जैसे सूचकांकों में अच्छे प्रदर्शन के लिए यह परिषद् कार्य करेगी।
•’राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद’ का कार्य सफल उद्यमियों के ज्ञान, अनुभव, विचारों आदि को साझा करते हुए, छात्रों और युवाओं का मार्गदर्शन भी करना रहेगा।
• ‘राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद’ नवाचार की को प्रोत्साहन देने; बौद्धिक संपदा अधिकार तैयार करने; स्टार्टअप्स में निवेश के लिए घरेलू पूंजी को प्रोत्साहन देने; तथा भारतीय स्टार्टअप्स के लिए वैश्विक बाजारों तक पहुंच उपलब्ध कराने संबंधी कार्य भी करेगी।
राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (National Startup Advisory Council- NSAC) की आंतरिक बनावट
•”राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद” के आंतरिक संरचनात्मक ढांचे में कार्यकारी और गैर- कार्यकारी दोनों प्रकार के सदस्यों का समावेश किया जाएगा।
• गैर-आधिकारिक सदस्य भी होंगे जो कि सरकार द्वारा सफल स्टार्टअप्स के संस्थापकों, भारत में कंपनी बनाने और उसे विकसित करने वाले अनुभवी व्यक्तियों, स्टार्टअप्स में निवेशकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम व्यक्तियों, इन्क्यूबेटरों (Incubators) एवं उत्प्रेरकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम व्यक्तियों और स्टार्टअप्स के हितधारकों के संघों एवं औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों जैसे विभिन्न वर्गों में से नामांकित किये जाएंगे।
• राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद की अध्यक्षता वाणिज्य और उद्योग मंत्री करेंगे। स्टार्टअप सलाहकार परिषद के गैर-आधिकारिक सदस्यों का कार्यकाल दो साल तक होगा।
• 19 जनवरी, 2021 को भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (National Startup Advisory Council) में 28 गैर-आधिकारिक सदस्यों के नमो की घोषणा की है, जिसमें जोहो कॉर्प के श्री श्रीधर वेम्बु, टीवीएस कैपिटल फंड्स लिमिटेड के श्री गोपाल श्रीनिवासन, बायजू के सीईओ बायजू रवीन्द्रन, योरस्टोरी से सुश्री श्रद्धा शर्मा,ओला कैब्स के सह-संस्थापक भाविश अग्रवाल, की प्रबंध निदेशक वाणी कोला और सॉफ्टबैंक इंडिया के प्रमुख मनोज कोहली शामिल हैं।
• प्रतिष्ठित संस्थानों में से श्री अमिताभा बंद्योपाध्याय( एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर), श्री कुणाल उपाध्याय( सीआईआईई, आईआईएम अहमदाबाद) तथा फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) से श्री उदय शंकर , एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) से श्री विनीत अग्रवाल, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैस्कॉम) से सुश्री देबजानी घोष आदि के नाम प्रमुख हैं।
• स्टार्टअप सलाहकार परिषद के गैर आधिकारिक सदस्यों की कार्यावधि दो साल या फिर अग्रिम आदेश तक उन्हें अपने पद पर रहना होगा।
‘व्यापार सुगमता सूचकांक’ (Ease Of Doing Business) क्या है?
• व्यापार सुगमता सूचकांक (Ease Of Doing Business) को विश्व बैंक जारी करता है तथा यह सूचकांक किसी देश में व्यापार करने की सुविधा एवं साधनो पर अपनी रिपोर्ट तैयार करता है।
• ‘व्यापार सुगमता सूचकांक’ किसी देश में व्यवसाय शुरू करना, निर्माण परमिट, विद्युत, संपत्ति का पंजीकरण, ऋण उपलब्धता, अल्पसंख्यक निवेशकों की सुरक्षा, करों का भुगतान करना, सीमा-पार व्यापार, अनुबंध लागू करना, दिवालियापन होने पर समाधान आदि मानक के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करता है।
• वर्ष 2014 में देश में व्यापार को सुगम बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) कार्यकर्म को प्रारम्भ किया था।
• भारत पिछले 5 वर्षों (वर्ष 2014-19) में ’व्यापार सुगमता सूचकांक’ में अपनी रैंकिंग में 79 पायदानों का उल्लेखनीय सुधार करने में सफल रहा था। व्यापार सुगमता रिपोर्ट- 2020 में भारत 190 देशों में 63वें स्थान पर है।
राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद – एक नजर में
• भारत सरकार ने देश में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु 2016 में ‘स्टार्टअप इंडिया’ की शुरुआत की थी।
• ‘स्टार्टअप इंडिया” का मुख्यालय भारत में है, जिसकी वार्षिक आय 100 करोड़ रुपये से कम है और यह दस साल से भी कम समय में खुली है।
• भारत में आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या 38,756 हैं। इसमें से 27 यूनिकॉर्न हैं।
• यूनिकॉर्न वह स्टार्टअप्स हैं जिनका बाज़ार मूल्यांकन कम से कम 1 बिलियन डालर है।