आधुनिक भारत के निर्माण में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। देश की आजादी से लेकर वर्तमान तक हर मैदान में महिलाओं ने देश का नाम रौशन किया है। आज हम खेल के मैदान में भारतीय महिलाओं के असाधारण प्रदर्शन की कहानी Opennaukri के माध्यम से आप तक पहुंचाने जा रहे हैं। आज हम बात करेंगे भारत की उन सभी प्रसिद्ध महिला खिलाड़ियों के विषय में जिन्होंने अपने असाधारण खेल प्रदर्शन से नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं आज का यह लेख भारत की प्रसिद्ध महिला खिलाड़ी।
पी टी उषा
पय्योली एक्स्प्रेस, सुनहरी कन्या और भारत की उड़न परी नाम से विख्यात पी टी उषा जी भारत की तरफ से ओलम्पिक के फाइनल मुकाबले में पहुँचने वाली प्रथम भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। पी टी उषा का जन्म 27 जून 1964 को केरल के पय्योली, कोज़िकोड में हुआ था।
भारतीय ट्रैक और फ़ील्ड की रानी मानी जानी वाली पी टी उषा जी का खेल में पदार्पण 1979 मे हुआ था। एशियाई खेल 1982 में उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीते थे। वे साल 1984 से 1987 तक और साल 1989 में एशिया की सर्वश्रेष्ठ धाविका रही थी।
साल 1984 लांस एंजेल्स ओलंपिक खेलों में ये 400 मी बाधा दौड़ में चौथे स्थान पर रही थी। खेल के प्रति इनकी उपलब्धियों के लिए भारत सरकार ने इन्हे साल 1984 में अर्जुन पुरस्कार और पद्दमश्री से सम्मानित किया था।
कर्णम मल्लेश्वरी
भारतीय महिलाओं के लिए ओलम्पिक में पदकों का खाता खोलने वाली पहली महिला कर्णम मल्लेश्वरी थी। इनका जन्म 1 जून 1975 को आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम में हुआ था। यह भारत की पहली ओलम्पियन महिला भारोत्तोलक (वेटलिफ़्टर) थी। सिडनी ओलम्पिक में इन्होने देश को कांस्य पदक दिलाया था। इन्ही की प्रेरणा से आज भारत में महिलायें वेटलिफ्टिंग में पदक जीत रहीं हैं, मीराबाई चानू इसका जीता-जागता उदाहरण है। इसके अतिरिक्त कर्णम ने एशियन चैंपियनशिप में 3 रजत तथा विश्व चैंपियनशिप में 3 कांस्य जीते थे। खेलों में अपने असाधारण योगदान के लिए भारत सरकार ने इन्हे साल 1994 मे अर्जुन पुरस्कार, साल 1995 में राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार तथा साल 1999 में पद्म श्री से सम्मानित किया है।
एम सी मैरी कॉम
मॅग्नीफ़िसेन्ट मैरी (प्रतापी मैरी) तथा सुपर मॉम नाम से मशहूर मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम या एम सी मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 में मणिपुर के काङथेइ में हुआ था। मैरीकॉम महिला बॉक्सिंग में भारत को पदक दिलाने वाली प्रथम महिला है। इसके अलावा मेरीकॉम 8 बार विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं तथा एशियाई खेल 2014 में स्वर्ण पदक भी जीत चुकी है। लंदन ओलम्पिक 2012 में मुक्केबाज़ी में कांस्य जीतकर मेरीकॉम युवा भारतीय महिला मुक्केबाज़ों का मार्गदर्शन कर रहीं हैं। भारत सरकार मेरीकॉम को साल 2003 में अर्जुन पुरस्कार, साल 2006 में पद्मश्री तथा साल 2009 में राजीव गाँधी खेल पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है। बॉलीवुड में साल 2014 में मेरीकॉम के जीवन पर एक फिल्म बन चुकी है, जिसमे प्रसिद्ध अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने मेरीकॉम की भूमिका निभाई थी।
पी वी सिंधु
देश के लिए ओलम्पिक में महिला एकल बैडमिंटन प्रतियोगिता में 2 पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी पी वी सिंधु हैं। इनका जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद, तेलंगाना में हुआ था , इनका पूरा नाम पुसर्ला वेंकट सिंधु है। पी वी सिंधु भारत की पहली ऐसी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिसने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। पी वी सिंधु की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि टोक्यो और रिओ ओलम्पिक में रजत और कांस्य पदक प्राप्ति है। भारत सरकार ने सिंधु को उनकी असाधारण खेल उपलब्धि के लिए साल 2016 में राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार, साल 2015 में पद्म श्री तथा साल 2013 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा है।
अवनि लेखारा
देश की नयी गोल्डन गर्ल अवनि लेखारा का जन्म 8 नवम्बर 2001 को राजस्थान के जयपुर में हुआ था। अवनि ने टोक्यो पैरालम्पिक खेलों में 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड पर निशाना लगाया है। अवनी लेखारा भारतीय ओलम्पिक+पैरालम्पिक इतिहास में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। अवनि एक सड़क हादसे के दौरान स्पाइनल कॉर्ड इंजरीज का शिकार हो गयी, जिस वजह से ये कमर से नीचे के हिस्से में किसी भी प्रकार की कोई भी हलचल महसूस नहीं कर सकती हैं। टोक्यो पैरालम्पिक में अवनि ने 50 मीटर एयर राइफल में भी कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। 2019 में उन्हें गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा मोस्ट प्रॉमिसिंग पैरालंपिक एथलीट नामित किया गया था।
साक्षी मलिक
ओलम्पिक खेलों में भारत को पहला मेडल दिलाने वाली महिला पहलवान खिलाड़ी हैं साक्षी मलिक। साक्षी मलिक का जन्म 3 सितम्बर 1992 को हरियाणा के रोहतक में हुआ था। भारत की तरफ से रिओ ओलम्पिक 2016 में भाग लेते हुए साक्षी ने पहलवानी में कांस्य पदक जीता था। इसके अतिरिक्त ग्लास्गो कामनवेल्थ खेल 2014 में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। भारत सरकार ने 2016 में साक्षी को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया है।
साइना नेहवाल
साइना नेहवाल भारत के लिए बैडमिंटन में ओलम्पिक पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं। साइना का जन्म 17 मार्च 1990 को हिसार, हरियाणा में हुआ तथा वर्तमान में ये हैदराबाद में रहती हैं। यह विश्व बैडमिंटन तालिका में नंबर 1 में रहने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। कामनवेल्थ खेल 2010 और 2018 में इन्होने स्वर्ण पदक जीता था। विश्व बैडमिंटन प्रतियोगिता में इनका सर्वश्रेठ प्रदर्शन सिल्वर मेडल है जो इन्होने 2015, जकार्ता में जीता था। लंदन ओलम्पिक 2012 में इन्होने भारत के लिए ओलम्पिक पदक के द्वार खोले थे तथा कांस्य पदक जीता था। खेल के प्रति इनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा इन्हे साल 2009 में अर्जुन पुरस्कार, साल 2010 में खेल रत्न पुरस्कार तथा 2010 में ही पद्म श्री से सम्मानित किया है।
लवलीना बोरगोहेन
टोक्यो ओलम्पिक में भारत को मुक्केबाजी में कांस्य पदक दिलाने वाली लवलीना बोरगोहेन का जन्म 2 अक्टूबर 1997 को गोलाघाट, असम में हुआ था। इसके अलावा लवलीना ने फरवरी, 2018, में आयोजित अंतराष्ट्रीय मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप मे वेल्टरवेट श्रेणी मे स्वर्ण पदक जीता था। साल 2020 में लवलीना बोरगोहेन को बॉक्सिंग में विशिष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
साइखोम मीराबाई चानू
टोक्यो ओलम्पिक में 202 किलोग्राम का भार उठाकर 27 वर्षीय इस बाला ने भारत को ओलम्पिक इतिहास का दूसरा पदक और व्यक्तिगत रूप से पहला पदक दिलाया है। मीराबाई चानू ने 49kg वर्ग में वेटलिफ्टिंग में भारत को रजत पदक दिलाया है। चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को इम्फाल, मणिपुर में हुआ था। चानू ने गोल्डकोस्ट राष्ट्रमंडल खेल,2018 में वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक, 2017 वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। साल 2018 में इन्हे पद्म श्री तथा राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।
गीता-बबिता फोगाट
दंगल गर्ल नाम से मशहूर गीता -बबिता फोगाट बहनें भारत में महिला पहलवानी में क्रांतिकारी बदलाव की गवाह बनी हैं। बड़ी बहन गीता फोगाट पहली ऐसी भारतीय पहलवान है जिसने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीता है। ओलंम्पिक का टिकट प्राप्त करने वाली भी पहली महिला खिलाड़ी गीता फोगाट ही थी। गीता फोगाट का जन्म 15 दिसम्बर 1988 में रोहतक हरियाणा में हुआ था। गीता-बबिता फोगाट के जीवन पर बॉलीवुड फिल्म दंगल बन चुकी है जिसमे आमिर खान ने इनके पिता और प्राथमिक कोच महावीर फोगाट की भूमिका निभाई थी।
दीपा कर्माकर
भारत के लिए किसी ओलम्पिक में प्रतिभाग करने वाली पहली महिला जिम्नास्टिक दीपा कर्माकर है। इन्होने रिओ ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इस ओलम्पिक में चौथे स्थान पर रही दीपा कर्माकर ने सबसे कठिन माने जाने वाले प्रोदुनोवा वॉल्ट का सफल प्रदर्शन किया था। उनके इस प्रदर्शन से गदगद होकर गोल्ड मेडेलिस्ट अभिनव बिंद्रा ने उन्हें अपना हीरो बताया था। दीपा कर्माकर को गोल्डन गर्ल के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 9 अगस्त 1993 को त्रिपुरा के अगरतला में हुआ था। इनकी असाधारण खेल प्रतिभा के लिए भारत सरकार द्वारा इन्हे क्रमशः 2015 ,2016 , 2017 में क्रमशः अर्जुन पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार और पदमश्री पुरस्कार दिए गये हैं।
झूलन गोस्वामी
भारत के लिए आलराउंडर खिलाड़ी की भूमिका निभाने वाली झूलन गोस्वामी दुनिया में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली महिला गेंदबाज भी हैं। वनडे क्रिकेट में इनके नाम 200 से अधिक विकेट हैं। इन्हे साल 2007 में ICC वीमेन क्रिकेटर ऑफ़ दि ईयर का अवार्ड भी मिल चुका है। यह भारत के लिए क्रिकेट के तीनो प्रारूपों की कप्तानी भी कर चुकी हैं। इन्हे 2010 अर्जुन अवार्ड तथा 2012 में पदमश्री पुरस्कार मिल चुका है।
मिताली राज
अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा 7000 वनडे रन बनाने वाली विश्व की पहली महिला क्रिकेटर मिताली राज भारत की तरफ से टैस्ट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली खिलाड़ी हैं। मिताली राज का जन्म 3 दिसम्बर 1982 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ था। साल 2003 में इन्हे अर्जुन अवार्ड तथा साल 2015 में इन्हे पदमश्री से सम्मानित किया गया है।
कोनेरू हंपी
भारत की चैस क्वीन कोनेरू हंपी का जन्म 31 मार्च 1987 को विजयवाड़ा, आंध्रप्रदेश में हुआ था। उनके नाम अंडर-10, अंडर-12, अंडर-14 वर्ल्ड यूथ शतरंज चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक है। इसके अतिरिक्त एशियन खेलों में स्वर्ण तथा 2020 ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड में भी उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। साल 2003 में इन्हे अर्जुन अवार्ड तथा 2007 में पदमश्री से सम्मानित किया गया है।
सानिया मिर्ज़ा
सानिया मिर्ज़ा का नाम भारतीय खेल इतिहास में किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है। भारत की यह ग्लैमरस बाला देश की सबसे पहली महिला टेनिस खिलाड़ी है साथ ही देश के लिए ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली खिलाड़ी भी हैं। इन्होने साल 2009 ,ऑस्ट्रेलियन ओपन – मिक्स्ड डबल्स तथा 2012 , फ्रेंच ओपन – मिक्स्ड डबल्स, 2014, US ओपन- मिक्स्ड डबल्स जीता था। इन्हे इनकी उपलब्धियों के लिए अर्जुन अवार्ड, पदमश्री, पदमभूषण तथा खेल रत्न पुरस्कार दिया जा चुका है।
चलते चलते
भारत के लिए खेल में नाम रौशन करने वाली महिला खिलाड़ियों की फेहरिश्त बहुत लम्बी है, इसमें हिमादास, अंजू बॉबी जॉर्ज, दीपिका पल्लीकर, दीपा मलिक, विनेश फोगट, दीपिका कुमारी, ज्वाला गट्टा, अश्विनी पोनप्पा, एकता बिष्ट, डोला बनर्जी ,दुती चंद जैसे अनेक नाम शामिल हैं। हमारे द्वारा जिन खिलाड़ियों का परिचय दिया गया है वे सभी अपने उत्तरवर्ती खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। हम आशा करते हैं उनकी प्रेरणा से भारत की युवा पीढ़ी देश को नयी उंचाईयों में ले जाएगी। इसी आशा के साथ हम आज का यह लेख यही समाप्त करते हैं। जय हिन्द, जय हिन्द की नारी!