छू लो आसमान Book summary in Hindi आप इस लेख में पढ़ने वाले हैं। रश्मि बंसल की यह किताब हर उम्र के लोगों को प्रेरित करने वाली और उनका उत्साह बढ़ाने वाली है।
जिंदगी आगे बढ़ती है प्रेरणा से। प्रेरणा मिलती है बहुत सी चीजों से। किताबें भी इन्हीं चीजों में से एक हैं। छू लो आसमान by Rashmi Bansal एक ऐसी ही किताब है, जो आपको प्रेरणा के ऐसे झरने के नीचे खड़ा कर देती है, जिससे मिली ताजगी आपको एक बार फिर से नए उत्साह के साथ अपनी जिंदगी को जीने के लिए प्रेरित करती है। इस किताब में आपको ऐसी महिलाओं की कहानियां पढ़ने के लिए मिलती हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी में असंभव चीजों को संभव कर दिखाया है। इसकी वजह से वे न जाने कितनों की मार्गदर्शक बन चुकी हैं।
छू लो आसमान का परिचय
साथियों, यहां हम आपको छू लो आसमान Book summary in Hindi बता रहे हैं। छू लो आसमान रश्मि बंसल की एक ऐसी किताब है, जो जिंदगी की मुश्किलों को आपके सामने लाकर तो रखती है, लेकिन साथ में यह किताब वह रास्ता भी बताती है, जिस पर आगे बढ़कर आप इन मुश्किलों को मात देकर अपनी जिंदगी में उस मुकाम तक पहुंच सकते हैं, जहां तक पहुंचने का सपना आपने न जाने कब से संजो रखा है। छू लो आसमान एक ऐसी किताब है, जो आपके अंदर एक ऐसा विश्वास जगाती है, जिससे आप अपने आपको वाकई में समझ पाते हैं। यह एक ऐसी किताब है, जो आपको इस बात का एहसास कराती है कि आपके अंदर कितनी क्षमता छिपी हुई है और इस क्षमता के बलबूते यदि आप अपनी कोशिशों को लगातार जारी रखें, तो आपको अपने लक्ष्य को हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता।
किताब छू लो आसमान (Touch The Sky) को मूल रूप से लक्ष्मी बंसल ने अंग्रेजी में लिखा है और हिंदी में इसका अनुवाद किया है उर्मिला गुप्ता ने। वेस्टलैंड और यात्रा प्रकाशन ने इस पुस्तक को प्रकाशित किया है। जिद्दी, बेशरम और बिंदास, इन तीन भागों में Rashmi Bansal की पुस्तक छू लो आसमान बंटी हुई है।
बंधन तोड़ प्रेरणास्रोत बनने वालीं लड़कियों की कहानी
छू लो आसमान को जब आप पढ़ना शुरू करते हैं तो सबसे पहले आपको उन लड़कियों की कहानी यहां पढ़ने के लिए मिलती है, जिन्होंने कि पहले से स्थापित सभी नियमों को मानने से इनकार कर दिया। इन लड़कियों ने वह किया, जो उनके दिल ने कहा। इन लड़कियों ने फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया। अपने देश का इन्होंने नाम रोशन करना शुरू कर दिया। केवल अपने लिए ही इन्होंने नया रास्ता नहीं बनाया, बल्कि गांव की और भी लड़कियों को भी प्रेरित करना शुरू कर दिया। किरण, रिंकी, मानसी और कुसुम जैसी इन लड़कियों ने इस बात की परवाह बिल्कुल भी नहीं की कि कौन उनका रास्ता रोक रहा है और कौन उन्हें क्या कह रहा है। अपने दिल की सुनते हुए इन्होंने अपने लिए एक नई दुनिया ही बना डाली। इन लड़कियों पर यह पंक्ति बिल्कुल उपयुक्त बैठती है-
हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है।
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे,रास्ता बन जाएगा।
पिज्जा बेच वृद्धाश्रम खड़ा करने वालीं पिज्जा ग्रैनी की कहानी
उसी तरह से रश्मि बंसल ने अपनी किताब में बेंगलुरु में रहने वाली 80 साल से भी ज्यादा उम्र की पदमा श्रीनिवासन की कहानी को भी जगह दी है, जो कि पिज्जा ग्रैनी के नाम से मशहूर हो गई हैं। पद्मा श्रीनिवासन ने बेंगलुरु के होसकोटे नामक इलाके में बुजुर्गों के लिए एक ऐसा वृद्धाश्रम शुरू कर दिया, जहां पर कि बेसहारा बुजुर्गों को रहने के लिए हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। पद्मा श्रीनिवासन ने एक गैराज में पिज्जा बनवाकर और उन्हें बेचकर मिले पैसों से इस वृद्धाश्रम को खड़ा किया। इस तरह से पद्मा श्रीनिवासन की कहानी रश्मि बंसल के शब्दों में उन युवाओं में भी एक नया जोश भरने का काम कर रही है, जो कि थोड़ी सी नाकामयाबी के बाद हिम्मत हार कर बैठ गए हैं। पद्मा श्रीनिवासन की कहानी इस विचार को और मजबूती प्रदान करती है कि लिखने वाले अपनी तकदीर टूटी हुई कलम से भी लिख देते हैं।
असंभव को संभव कर दिखाने वालीं नेत्रहीन राबिया की कहानी
जिंदगी में परिस्थितियां कितनी भी विषम क्यों न हो जाएं, लेकिन यदि कुछ करने की जिद, कुछ करने का जुनून आपके अंदर मौजूद है, तो आप अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचते हैं। रश्मि बंसल की किताब छू लो आसमान में मध्य प्रदेश की रहने वाली नेत्रहीन राबिया खान की कहानी यही बताती है। राबिया की कहानी को रश्मि बंसल ने जिस तरह से लिखा है, उसे पढ़कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। नेत्रहीन होने के बाद भी यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के लिए कंप्यूटर क्लास लेने वालीं राबिया खान ने अरबी कुरान को ब्रेल में परिवर्तित करके दिखा दिया। आज राबिया न जाने कितने दिव्यांगों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं। राबिया ने अपनी जिंदगी में बस यह बात ध्यान में रखी-
जिंदगी खेलती भी उसी के साथ है,
जो खिलाड़ी बेहतरीन होता है।
दर्द सब के एक से हैं,
मगर हौसले सब के अलग-अलग हैं। कोई हताश होकर बिखर जाता है,
तो कोई संघर्ष करके निखार जाता है।
अपनी जिंदगी को हौंसले से रोशन कर देने वालीं ज्योति की कहानी
इतिहास लिखने के लिए कलम नहीं, हौंसलों की जरूरत होती है।
क्यों पढ़ें छू लो आसमान by Rashmi Bansal?
रश्मि बंसल की किताब छू लो आसमान इसलिए आपको पढ़नी चाहिए, क्योंकि इस किताब में मौजूद रियल लाइफ किरदार आपको यह सिखाते हैं कि जिंदगी में कुछ करने के लिए आपको अपनी मानसिकता बदलनी होती है। यह किताब आपको यह सिखाती है कि जिंदगी की कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए आपको अपनी भावनाओं और अपने रिश्तो को संभाल कर रखना चाहिए। रश्मि बंसल की किताब छू लो आसमान आपको यह सिखाती है कि जिंदगी की लड़ाई में यदि आप विजय हासिल करना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे पहले अपने आप पर विजय पाना जरूरी है।
यह किताब आपको यह बताती है कि यदि आप कोई बड़ा काम करने जा रहे हैं, तो इसके लिए शुरुआत आपको छोटे काम से ही करनी होगी। इतना ही नहीं, रश्मि बंसल की किताब आपको यह भी सिखाती है कि जिंदगी कितनी अनमोल है और हमें इसे बर्बाद करने से किस तरह से बचना चाहिए।
चलते-चलते
छू लो आसमान Book summary in Hindi पढ़ने के बाद आपको यह एहसास जरूर हो रहा होगा कि जिंदगी में हार मानकर अपने कदम कभी भी पीछे नहीं खींचने चाहिए, क्योंकि कामयाब बनने के लिए आप जितनी दूर गए हैं, उतनी ही दूर आपको दोबारा लौटना पड़ेगा। इससे बेहतर है कि थोड़ी दूर और चल कर आप अपनी मंजिल को हासिल ही कर लें। रश्मि बंसल की छू लो आसमान आप एक बार जरूर पढ़ें। यकीन मानिए इसे पढ़ लेने के बाद जिंदगी में आगे बढ़ने के आपको एक या दो नहीं, अनगिनत रास्ते मिल जाएंगे।